भारत ने जीता चेन्नई टेस्ट मैच रविचंद्रन अश्विन ने रचा इतीहास। भारत बांग्लादेश के खिलाफ पहला टेस्ट मैच में 280 रनों से जीता।
चैन्नई टेस्ट मैच में, रविचंद्रन अश्विन ने अपने शानदार प्रदर्शन से कई रिकॉर्ड बनाए और भारतीय टीम की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आइए उनके कुछ अनोखे रिकॉर्ड्स पर नज़र डालते हैं:
1. सबसे ज्यादा पांच विकेट हॉल्स: अश्विन ने टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा पांच विकेट हॉल्स का रिकॉर्ड बनाया है, जो अब 36 हो गए हैं। यह उपलब्धि उन्हें महान स्पिनरों की श्रेणी में और ऊंचा स्थान दिलाती है।
2. अनोखा विश्व रिकॉर्ड: अश्विन टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में पहले ऐसे खिलाड़ी बन गए हैं जिन्होंने 20 से अधिक अर्धशतक और 30 से अधिक पांच विकेट हॉल्स बनाए हैं। यह रिकॉर्ड उनकी बहुमुखी प्रतिभा और निरंतरता का प्रमाण है।
3. सबसे पुराना खिलाड़ी: अश्विन सबसे पुराने खिलाड़ी बन गए हैं जिन्होंने एक टेस्ट मैच में शतक और पांच विकेट हॉल लिया है। इससे पहले यह रिकॉर्ड पॉली उमरीगर के नाम था। यह उपलब्धि उनकी खेल के प्रति समर्पण और मेहनत को दर्शाती है।
भारत ने बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में 280 रनों से जीत दर्ज करी।
भारत ने बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में 280 रनों से जीत दर्ज करके न केवल अपनी ताकत का प्रदर्शन किया, बल्कि साबित किया कि वे टेस्ट क्रिकेट में एक अपराजेय ताकत बन चुके हैं। चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में खेला गया यह मैच हर मायने में भारतीय टीम के लिए शानदार रहा, जिसमें उन्होंने बल्लेबाजी, गेंदबाजी और रणनीतिक कुशलता का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
टॉस और पहली पारी
मैच की शुरुआत भारतीय कप्तान रोहित शर्मा द्वारा टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने से हुई। चेन्नई की पिच आमतौर पर बल्लेबाजों के लिए अनुकूल मानी जाती है, और भारतीय ओपनरों ने इसका भरपूर फायदा उठाया। रोहित शर्मा और शुभमन गिल ने एक ठोस शुरुआत दी और पहले विकेट के लिए 80 रन जोड़े। गिल की बल्लेबाजी का संयम और रोहित की आक्रामकता ने भारत को मजबूत स्थिति में ला दिया। हालांकि, रोहित और गिल के आउट होने के बाद भारतीय पारी थोड़ी लड़खड़ाई, लेकिन फिर चेतेश्वर पुजारा और विराट कोहली ने पारी को संभाला।
पुजारा के धैर्यपूर्ण 85 रन और कोहली के शानदार 102 रनों ने भारतीय पारी को मजबूती दी। कोहली का शतक टेस्ट क्रिकेट में उनकी आक्रामकता और नियंत्रण का उदाहरण था। कोहली ने अपनी पारी के दौरान गेंदबाजों पर दबाव बनाया और बांग्लादेशी गेंदबाजों की रणनीति को विफल कर दिया। अजिंक्य रहाणे और ऋषभ पंत ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया, पंत ने विशेष रूप से तेज गति से रन बनाते हुए 52 रनों की पारी खेली। भारतीय टीम ने पहली पारी 450/7 पर घोषित की, जिससे बांग्लादेश पर पहले से ही दबाव बन गया।
बांग्लादेश की पहली पारी
बांग्लादेश की टीम जब बल्लेबाजी करने उतरी, तो भारतीय तेज गेंदबाजों ने उन्हें जल्दी ही बैकफुट पर धकेल दिया। जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी की जोड़ी ने बेहतरीन गेंदबाजी की, जिससे बांग्लादेश के शीर्ष क्रम के बल्लेबाज टिक नहीं सके। पहले सत्र के अंत तक बांग्लादेश का स्कोर 75/4 था, और उनकी स्थिति बेहद खराब थी।
बांग्लादेश के लिए एकमात्र सकारात्मक पहलू मुशफिकुर रहीम की संघर्षपूर्ण पारी थी, जिन्होंने 68 रन बनाए। हालांकि, अन्य बल्लेबाज उनकी तरह टिक नहीं सके, और बांग्लादेश की पूरी टीम 210 रनों पर सिमट गई। इस तरह भारत को पहली पारी में 240 रनों की बढ़त मिली, जिसने मैच को लगभग एकतरफा कर दिया।
भारत की दूसरी पारी
भारत ने दूसरी पारी में भी अपनी बल्लेबाजी की गहराई का परिचय दिया। कप्तान रोहित शर्मा ने फॉलोऑन न देने का फैसला किया और भारत ने दूसरी पारी में बल्लेबाजी करते हुए बांग्लादेश के सामने एक असंभव लक्ष्य रखने का इरादा बनाया। इस बार भी शुभमन गिल और ऋषभ पंत ने बल्लेबाजी में कमाल किया। गिल ने 119 रनों की शानदार पारी खेली, जो टेस्ट क्रिकेट में उनकी प्रतिभा और संयम का परिचायक थी। वहीं, पंत ने आक्रामक अंदाज में खेलते हुए 109 रन बनाए और एक बार फिर साबित किया कि वह किसी भी स्थिति में रन बनाने की क्षमता रखते हैं। भारत ने दूसरी पारी 287/4 पर घोषित कर दी और बांग्लादेश के सामने 515 रनों का विशाल लक्ष्य रखा।
बांग्लादेश की दूसरी पारी
इतने बड़े लक्ष्य का पीछा करना बांग्लादेश के लिए मुश्किल था, और उनके बल्लेबाजों पर इसका दबाव साफ नजर आया। भारतीय स्पिनरों, खासकर रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा ने बांग्लादेशी बल्लेबाजों को ज्यादा मौके नहीं दिए। अश्विन, जो पहली पारी में बिना विकेट लिए रह गए थे, ने दूसरी पारी में कहर बरपाया। उन्होंने 88 रन देकर 6 विकेट झटके और मैच को भारत के पक्ष में निर्णायक बना दिया। अश्विन की गेंदबाजी ने दिखाया कि वह परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढालने की अद्भुत क्षमता रखते हैं। दूसरी तरफ, जडेजा ने भी तीन महत्वपूर्ण विकेट लिए, और इस प्रदर्शन से उनके टेस्ट विकेटों की संख्या 299 हो गई।
बांग्लादेश की तरफ से कप्तान नजमुल हुसैन शांतो ने सराहनीय 82 रन बनाए, लेकिन उनकी पारी अकेले टीम को बचाने के लिए पर्याप्त नहीं थी। बांग्लादेश की पूरी टीम 234 रनों पर सिमट गई, जिससे भारत ने 280 रनों की विशाल जीत दर्ज की।
प्रमुख प्रदर्शन
रविचंद्रन अश्विन की दूसरी पारी में 6 विकेट की गेंदबाजी इस मैच की सबसे बड़ी हाईलाइट रही। पिच की परिस्थितियों का सही इस्तेमाल करना और बल्लेबाजों को अपनी चाल में फंसाना, अश्विन की इस पारी की विशेषता रही। रवींद्र जडेजा का हरफनमौला प्रदर्शन भी बेहद प्रभावशाली था। दूसरी पारी में उनके तीन विकेट और पहले पारी में बल्ले से योगदान ने भारत को बड़ी बढ़त दिलाने में मदद की।
ऋषभ पंत और शुभमन गिल के शतकों ने भी भारत की जीत को सुनिश्चित किया। इन युवा खिलाड़ियों की आक्रामकता और बल्लेबाजी में संतुलन बांग्लादेश के लिए मुश्किलें खड़ी कर गई।
आगे की राह
इस जीत से भारत ने श्रृंखला में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली है। अब दूसरा टेस्ट कानपुर में 27 सितंबर से खेला जाएगा, जहां भारत अपनी लय को बरकरार रखते हुए श्रृंखला को जीतना चाहेगा। दूसरी तरफ, बांग्लादेश को अपने कमजोरियों पर ध्यान देना होगा, खासकर बल्लेबाजी में।
निष्कर्ष
पहले टेस्ट में बांग्लादेश पर भारत की जीत से यह स्पष्ट हो गया है कि भारतीय टीम अपने सभी विभागों में कितना मजबूत है। बल्लेबाजी में गहराई और गेंदबाजी में विविधता के साथ, भारत ने यह दिखा दिया कि वे टेस्ट क्रिकेट में एक बड़ी ताकत हैं। अब क्रिकेट प्रशंसकों की निगाहें दूसरे टेस्ट पर हैं, और यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या बांग्लादेश वापसी कर पाएगा, या भारत अपनी जीत की लय को और मजबूत करेगा।