हरियाणा एग्जिट पोल 2024 में भाजपा की सीटों में भारी गिरावट की संभावना है, जबकि कांग्रेस सत्ता में वापसी की ओर तेजी से बढ़ रही है, हुड्डा के नेतृत्व में पार्टी को भारी समर्थन मिल रहा है।

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के एग्जिट पोल (Haryana exit poll) नतीजे हरियाणा की राजनीतिक दिशा में बड़े बदलाव की संभावना जता रहे हैं। एग्जिट पोल्स के अनुसार, पिछले 10 सालों से सत्ता में काबिज भाजपा के लिए इस बार की स्थिति चुनौतीपूर्ण हो सकती है। कांग्रेस पार्टी, जो इस बार एग्जिट पोल्स में बढ़त बनाती हुई दिखाई दे रही है, सत्ता में वापसी की ओर अग्रसर है। “Haryana exit poll” से पता चलता है कि हरियाणा की जनता ने किस प्रकार से वर्तमान सरकार और उसके फैसलों पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

कांग्रेस की बढ़त और भाजपा का संघर्ष

एग्जिट पोल्स के अनुसार, कांग्रेस पार्टी ने हरियाणा में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। कांग्रेस को 50 से 62 सीटें मिलने का अनुमान है, जिससे वह सत्ता में आने की मजबूत स्थिति में है। भूपिंदर सिंह हुड्डा का प्रभावी नेतृत्व और भाजपा सरकार के खिलाफ राज्य में बढ़ता असंतोष, कांग्रेस की इस सफलता के पीछे मुख्य कारण माने जा रहे हैं। “Haryana exit poll” के नतीजे स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि कांग्रेस ने जनता के महत्वपूर्ण मुद्दों जैसे बेरोजगारी, महंगाई और किसान आंदोलन को चुनावी केंद्र में रखा, जिससे पार्टी को व्यापक समर्थन मिला।

Haryana exit poll 2024: भाजपा की गिरावट, कांग्रेस की सत्ता में वापसी के संकेत"

वहीं दूसरी ओर, भाजपा के लिए एग्जिट पोल्स के नतीजे निराशाजनक रहे हैं। “Haryana exit poll” के अनुसार, भाजपा 18 से 28 सीटों तक सिमट सकती है, जो कि पार्टी के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है। हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की सरकार को किसान आंदोलन और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर असफलता का सामना करना पड़ा है, जिसने भाजपा के खिलाफ असंतोष को और बढ़ाया है।

JJP और INLD का कमजोर प्रदर्शन

“Haryana exit poll” नतीजे बताते हैं कि भाजपा की पूर्व सहयोगी जननायक जनता पार्टी (JJP) का प्रदर्शन इस बार कमजोर रहने की संभावना है। JJP, जिसने पिछले चुनाव में 10 सीटें जीती थीं, इस बार 0 से 3 सीटों पर सिमट सकती है। यह स्थिति भाजपा के लिए भी मुश्किलें खड़ी कर सकती है, क्योंकि गठबंधन से मिलने वाला समर्थन इस बार कमजोर हो सकता है। वहीं, इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) को 1 से 6 सीटें मिलने का अनुमान है, जो पार्टी की पिछली स्थिति से बेहतर नहीं है।

AAP और निर्दलीय उम्मीदवारों की भूमिका

“Haryana exit poll” के अनुसार, आम आदमी पार्टी (AAP) और निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी इस बार हरियाणा की राजनीति में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। AAP और निर्दलीय उम्मीदवारों को 10 से 16 सीटें मिलने की संभावना है। हालांकि इन पार्टियों की सीटों की संख्या ज्यादा नहीं हो सकती, लेकिन अगर किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता है, तो ये दल और निर्दलीय उम्मीदवार सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

चुनावी मुद्दे और मतदाताओं का रुझान

हरियाणा के 2024 विधानसभा चुनावों में “Haryana exit poll” ने प्रमुख मुद्दों को भी उजागर किया है। सबसे बड़ा मुद्दा किसान आंदोलन और कृषि कानूनों के खिलाफ नाराजगी रही। हरियाणा के ग्रामीण क्षेत्रों, विशेष रूप से जाट समुदाय में, भाजपा सरकार के प्रति गहरा असंतोष देखने को मिला। किसानों ने भाजपा के खिलाफ खुलकर नाराजगी जाहिर की, और कांग्रेस ने इस असंतोष को अपने चुनावी अभियान में भुनाया। बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे भी भाजपा के खिलाफ गए, जिससे कांग्रेस को समर्थन मिला।

जातिगत समीकरण

हरियाणा की राजनीति में जातिगत समीकरण हमेशा से महत्वपूर्ण रहे हैं, और “Haryana exit poll” ने यह भी दिखाया है कि इस बार के चुनावों में जाट समुदाय ने कांग्रेस की ओर रुख किया है। जाट समुदाय राज्य की आबादी का लगभग 25% है, और कांग्रेस ने इस समुदाय के समर्थन के लिए विशेष रणनीति बनाई, जिससे उसे महत्वपूर्ण बढ़त मिली। भाजपा, जो पिछले चुनावों में गैर-जाट वोट बैंक पर भरोसा करती रही है, इस बार जातिगत समीकरणों में पिछड़ती नजर आ रही है। पंजाबी और ब्राह्मण समुदाय, जो भाजपा के परंपरागत समर्थक रहे हैं, इस बार भी भाजपा के समर्थन में हैं, लेकिन यह संख्या पार्टी को जीत दिलाने के लिए पर्याप्त नहीं है।

मतदाता भागीदारी और अंतिम निष्कर्ष

“Haryana exit poll” ने यह भी दिखाया है कि इस बार मतदाता भागीदारी अहम रही। राज्य में कुल 61% मतदान दर्ज किया गया, जिसमें मेवात जिले में सबसे अधिक 68% मतदान हुआ। यह आंकड़ा दर्शाता है कि जनता ने चुनावों में गहरी रुचि ली और सत्ता परिवर्तन की संभावना को मजबूत किया। एग्जिट पोल्स से संकेत मिलते हैं कि हरियाणा की राजनीति में इस बार बड़ा बदलाव हो सकता है, और कांग्रेस सत्ता में वापसी कर सकती है।

अंतिम परिणाम 8 अक्टूबर 2024 को घोषित किए जाएंगे, जिससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि “Haryana exit poll” के अनुमान कितने सही साबित होते हैं और हरियाणा की राजनीतिक दिशा किस ओर जाएगी।

Exit poll

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